रेप तो हर जगह होता है
रेप तो हर जगह होता है
©डॉ. अपर्णा गोविल भास्कर
कुछ लोग कहते हैं, क्या हुआ जो एक डॉक्टर का रेप हुआ, रेप तो हर जगह होता है,
कभी रात के अंधेरे में , तो कभी भरी दुपहरी में,
कभी सुनसान सड़कों पे, तो कभी भरे बाज़ार में,
कभी एक जवान लड़की का, कभी एक छोटी बच्ची का तो कभी एक बूढ़ी औरत का,
कभी शहर में तो कभी गाँव में; कभी घर के बाहर, तो कभी घर के अंदर,
कभी ऑफिस में, कभी स्कूल में, और अब तो ये अस्पताल में भी होता है,
कभी अनजान दरिंदे होते हैं, तो कभी कुछ अपने ही कर देते हैं।
कुछ लोग कहते हैं, क्या हुआ जो एक डॉक्टर का रेप हुआ, रेप तो हर जगह होता है।
कहते हैं, ज़रूर लड़की की ही गलती होगी; छोटी स्कर्ट या क़मीज़ पहनी होगी,
रात को अकेले क्यों घूम रही थी; लाइब्रेरी में क्यों देर रात पढ़ रही थी,
क्यों किसी के साथ नहीं चल रही थी; क्यों लड़कों पे विश्वास कर रही थी।
कुछ लोग कहते हैं, क्या हुआ जो एक डॉक्टर का रेप हुआ, रेप तो हर जगह होता है।
सुना नहीं आपने? रेप एक ‘स्ट्रे इन्सिडेंट’ है, जो कहीं भी हो सकता है,
डाल लीजिए अब इसकी आदत, क्योंकि आज कोलकाता, कल दिल्ली और परसों मुंबई में हुआ था,
कल कहीं और होगा, क्योंकि ये तो हर जगह होता है, हर रोज़ होता है,
रेप से ख़ानदान का ही नहीं, अब देश का नाम खराब होता है।
कुछ लोग कहते हैं, क्या हुआ जो एक डॉक्टर का रेप हुआ, रेप तो हर जगह होता है।
सालों लग जाएंगे, पर रेपिस्ट शायद ही पकड़े जाएंगे,
लड़की के माँ-बाप रोते रह जाएंगे, सोचते रह जाएंगे, खुद को कोसते रह जाएंगे,
लेकिन दोस्त ये याद रखना, कल हमारे बच्चे भी इसी सोसाइटी में आएंगे,
अगर आज हम चुप रह जाएंगे, तो कल शायद हमारे दिल भी टूट जाएंगे।
इसलिए पूछो आज उन लोगों से जो ये कहते हैं, क्या हुआ जो एक डॉक्टर का रेप हुआ, रेप तो हर जगह होता है,
क्या करते आप जो आपके घर में ये होता? क्या करते आप जो आपकी होती वो बेटी, बहन या पत्नी?
क्या करते आप अगर ये आप पे गुज़री होती?
रेप तो हर जगह होता है, पर सर ये हर बार पर्सनल होता है।